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Mo Gawdat: AI Will End Middle Class by 2027

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2027 तक खत्म हो सकती है मध्य वर्ग की नौकरी? पूर्व गूगल अधिकारी मो गॉडेट की चेतावनी और भविष्य की तस्वीर

आज की दुनिया में तकनीक और खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। जैसे-जैसे AI नई-नई सीमाएं छू रहा है, वैसे-वैसे इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव सामने आ रहे हैं। बहुत से विशेषज्ञ इसे तकनीकी क्रांति मानते हैं, तो कुछ इसे भविष्य की बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण भी बताते हैं।

हाल ही में पूर्व गूगल अधिकारी और टेक्नोलॉजी के जानकार मो गॉडेट (Mo Gawdat) ने एक बड़ा दावा किया है, जो तकनीक के भविष्य को लेकर एक गंभीर चेतावनी है। मो गॉडेट का मानना है कि AI के कारण 2027 तक मध्य वर्ग यानी मिडिल क्लास का आर्थिक और सामाजिक पतन होने वाला है। उनके अनुसार, यह एक ऐसा दौर होगा जब बहुत सारे पारंपरिक पेशे, विशेषकर शिक्षित और प्रोफेशनल नौकरियां खत्म हो जाएंगी।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि मो गॉडेट ने क्या कहा, उनका यह भविष्यवाणी क्यों महत्वपूर्ण है, और हमारे समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, हम देखेंगे कि इस भविष्य के बीच हमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए और कैसे तैयार रहना चाहिए।

1. मो गॉडेट कौन हैं?

मो गॉडेट एक पूर्व गूगल अधिकारी हैं, जिन्होंने 2018 तक गूगल के चीफ बिजनेस ऑफिसर के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया, जिसका नाम है Emma.love — जो AI तकनीक और इंसानी रिश्तों को जोड़ने पर काम करता है।

उन्होंने अपने अनुभवों और गूगल में काम करने के दौरान देखी गई तकनीकी प्रगति के आधार पर AI के भविष्य को लेकर कई गहन विचार साझा किए हैं।

2. AI के कारण मध्य वर्ग के पतन की भविष्यवाणी

मो गॉडेट का कहना है कि AI की नई पीढ़ी, खासकर जनरेटिव AI (जैसे ChatGPT, DALL·E आदि), अब सिर्फ फैक्ट्री के काम या मैनुअल लेबर तक सीमित नहीं है। यह अब उन कामों को भी ऑटोमेट कर रही है, जो पारंपरिक रूप से शिक्षा प्राप्त मिडिल क्लास के लिए थे।

कौन-कौन से पेशे खतरे में?

  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स
  • सीईओ (Chief Executives)
  • पॉडकास्टर और कंटेंट क्रिएटर्स
  • मिड-लेवल मैनेजर्स
  • और कई अन्य प्रोफेशनल्स जिनका काम अब AI और ऑटोमेशन कर सकता है

मो गॉडेट के मुताबिक, आने वाले कुछ ही सालों में ये बदलाव तेजी से होंगे, और 2027 तक यह बदलाव शुरू हो सकते हैं। उनका यह भी कहना है कि इस बदलाव के दौरान हम “स्वर्ग तक पहुँचने से पहले नरक में रहेंगे” यानी बहुत सारे सामाजिक और आर्थिक संकट झेलने होंगे।

3. AI और मध्य वर्ग का विनाश — क्यों अलग है यह क्रांति?

इतिहास में कई बार तकनीकी क्रांतियां आई हैं। पहली से तीसरी औद्योगिक क्रांतियों में मैनुअल मजदूर प्रभावित हुए। लेकिन इस बार का बदलाव अलग है।

मो गॉडेट का विश्लेषण है कि यह बदलाव सिर्फ मैनुअल लेबर तक सीमित नहीं होगा, बल्कि शिक्षित मध्य वर्ग के लिए भी विनाशकारी साबित होगा।

इसका मतलब यह हुआ कि AI सिर्फ निचले तबके की नौकरियां नहीं छीन रही, बल्कि वे उच्च शिक्षित, विशेषज्ञ, और पेशेवर वर्ग की नौकरियों को भी खत्म कर सकती है।

आर्थिक वर्गों में बदलाव

  • शीर्ष 0.1% यानी सबसे अमीर और शक्तिशाली लोग इस बदलाव से प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि वे और भी अधिक सशक्त होंगे।
  • मध्य वर्ग — जो देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता का आधार है — सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
  • निम्न वर्ग — जो पहले से भी सीमित संसाधनों में जीवन यापन करता है — उसकी स्थिति और खराब हो सकती है।

4. समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

जब लोगों की नौकरियां खत्म होंगी, तो वे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर होंगे, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित होगी। मो गॉडेट ने मानसिक स्वास्थ्य संकट, अलगाव, और सामाजिक अशांति के बढ़ने की चेतावनी दी है।

कई लोग अपनी पहचान और उद्देश्य खो देंगे क्योंकि काम के जरिए ही अक्सर इंसान अपनी सामाजिक पहचान और आत्म-सम्मान पाता है।

5. 2040 के बाद नया सामाजिक स्वरूप

मो गॉडेट का मानना है कि यह संकट अस्थायी होगा। जैसे कोई तूफान गुजरता है, उसके बाद नया मौसम आता है। 2040 के बाद दुनिया में एक नई सामाजिक व्यवस्था आएगी — जो पुरानी औद्योगिक मानसिकता और उपभोक्तावाद से मुक्त होगी।

इस नए समाज की खास बातें होंगी:

  • समुदाय और सामाजिक जुड़ाव पर जोर
  • रचनात्मकता और कला का महत्व
  • आध्यात्मिकता और प्रेम की प्रधानता
  • रोजमर्रा के साधारण और दोहराए जाने वाले कामों से मुक्ति

6. सरकारों और संस्थाओं की भूमिका

मो गॉडेट का कहना है कि इस संक्रमणकाल में सरकारों को एक्शन लेना होगा, ताकि आर्थिक असमानता और सामाजिक संकट को रोका जा सके। उन्होंने खास तौर पर कुछ सुझाव दिए हैं:

  • यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) — सभी नागरिकों को एक निश्चित न्यूनतम आय का प्रावधान ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करें।
  • नैतिक और मूल्य आधारित AI विकास — AI को सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि मानवता के हित में विकसित किया जाना चाहिए।
  • सुरक्षा के नियम और कानून — ताकि AI का दुरुपयोग न हो और नौकरियों के लिए मानवीय विकल्प बनाए जाएं।

7. माइक्रोसॉफ्ट का शोध और समर्थन

मो गॉडेट की बातों का समर्थन हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के एक अध्ययन ने भी किया है। इस अध्ययन में 40 ऐसे पेशों की पहचान की गई है, जिनमें AI का इस्तेमाल मुख्य काम के लिए किया जा सकता है, और 40 पेशे ऐसे भी हैं, जहां AI का कोई प्रभाव नहीं होगा।

यह अध्ययन भी मानता है कि ऑटोमेशन और रोबोटिक्स में तेजी से हो रहे विकास से नौकरियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

8. हमें क्या करना चाहिए?

यह जरूरी है कि हम इस तकनीकी बदलाव को केवल खतरे के रूप में न देखें, बल्कि इसे अवसर के तौर पर भी अपनाएं।

कुछ सुझाव:

  • नई कौशल सीखें — जैसे कि डेटा साइंस, AI प्रोग्रामिंग, क्रिएटिव आर्ट्स आदि जो AI से प्रभावित नहीं होंगे।
  • आजीविका के नए स्रोत तलाशें — उद्यमिता, फ्रीलांसिंग, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम बढ़ाएं।
  • मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें — अपनी मानसिक स्थिरता बनाए रखें और सामाजिक जुड़ाव बनाएं रखें।
  • नीति निर्माताओं और शिक्षकों के साथ संवाद करें — ताकि शिक्षा और कौशल विकास की नई योजनाएं बन सकें।

मो गॉडेट की चेतावनी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि AI सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलाव भी लाएगा। मध्य वर्ग का पतन एक बहुत बड़ा संकेत है कि हमें अपने भविष्य के लिए गंभीर तैयारी करनी होगी।

यह दौर कठिन जरूर होगा, लेकिन सही कदम उठाए जाएं तो AI की इस क्रांति को हम एक नई शुरुआत के रूप में देख सकते हैं। जहां मानवता, प्रेम, और रचनात्मकता को फिर से महत्व मिलेगा।

क्या आप इस बदलाव के लिए तैयार हैं? क्या आपका पेशा AI के आने से सुरक्षित रहेगा? आइए, हम सब मिलकर इन सवालों पर विचार करें और अपने भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करें।

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