IRDAI ने Policybazaar पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया: एक निष्पक्ष और पारदर्शी ब्लॉग लेख
परिचय
हाल ही में, भारतीय बीमा नियामक संस्था IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने ऑनलाइन इन्शुरेंस प्लेटफ़ॉर्म Policybazaar पर कुल ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह कदम एक बड़े निरीक्षण के बाद उठाया गया, जिसमें Policybazaar द्वारा विभिन्न नियमों का उल्लंघन पाया गया। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि IRDAI ने कौन‑कौन से नियमों का उल्लंघन पाया, Policybazaar पर कौन‑कौन सी धाराएँ लागू की गईं और इस घटना से उपभोक्ताओं और पूरे बीमा क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
कार्रवाई की पृष्ठभूमि (Background of the action)
- IRDAI ने 4 अगस्त 2025 को यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि Policybazaar (पहले Web Aggregator के रूप में और अब Insurance Broker के रूप में ज्ञात) ने Insurance Act, 1938 एवं IRDAI (Insurance Web Aggregators) Regulations, 2017 की 11 धाराओं का उल्लंघन किया है। (The Economic Times, Business Standard)
- IRDAI ने यह कार्रवाई जेनेरिक ऑडिट और दूरस्थ निरीक्षण (remote inspection) के बाद की, जिसके दौरान जून 2020 में कई कमियाँ पाई गईं और अक्टूबर 2024 में Policybazaar को Show Cause Notice जारी किया गया। (Business Today)
उल्लंघनों की मुख्य श्रेणियाँ
1. भ्रामक और पक्षपाती उत्पाद प्रदर्शन (Biased/Misleading Product Promotions)
- निरीक्षण के दौरान, Policybazaar की वेबसाइट पर केवल पाँच ULIP योजनाएँ (जैसे Bajaj Allianz Goal Assure, Edelweiss Tokyo Wealth Gain+, HDFC Click2 Wealth, SBI Life e-Wealth Insurance और ICICI Signature) “Top” के रूप में प्रदर्शित की गईं, जबकि कंपनी के पास अन्य जीवन बीमा कंपनियों के साथ भी समझौते थे। (India Today, Business Today)
- इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा खंड में 23 साझेदारों में से केवल 12 के “Top plans” दिखाए गए, बिना कोई पारदर्शी आधार बताये। IRDAI का मानना है कि ऐसी क्रियाएँ उपभोक्ताओं को पूर्ण विकल्प न दिखाकर उनकी क्षमता न्यून कर देती हैं। (Business Standard)
2. प्रिमियम समय से ट्रांसफर न करना (Delay in Premium Remittance)
- Policybazaar ने ग्राहकों से प्राप्त बीमा प्रीमियम को अपनी नोडल ऐकाउंट व पेमेंट गेटवे के माध्यम से प्रयोग करते हुए इंश्योरंस कंपनियों को 24 घंटे में ट्रांसफर नहीं किया, जो कि वैधानिक आवश्यकता है (Insurance Act, Section 64VB)। (India Today, Business Standard)
- एक उदाहरण में, 67 नीतियों के मामले में 30 दिनों से अधिक की देरी पाई गई। 8,971 नीतियों में 5 से 24 दिनों की देरी, और लगभग 77,033 नीतियों में तीन कार्यदिवस से बाद में ट्रांसफर किया गया। (Business Standard)
3. कॉर्पोरेट शासकीय उल्लंघन (Corporate Governance Violations)
- Policybazaar के कुछ वरिष्ठ प्रबंधकों (KMPs) ने IRDAI की पूर्व‑अनुमति के बिना अन्य कंपनियों में डायरेक्टरशिप संभाली, जो कम्प्लायंस नियमों का उल्लंघन है। (Ahmedabad Mirror, Business Standard)
- Domain ownership में भी अनियमितता पाई गई — वेबसाइट का डोमेन नाम उनकी होल्डिंग कंपनी के नाम पर था, और Policybazaar ने उसके लिए प्रमुख सालों में ₹15.51 करोड़ और ₹25.79 करोड़ (FY 2018‑19 और 2019‑20) लाइसेंस शुल्क के रूप में चुकाए। यह IWA Regulations का उल्लंघन था। (Ahmedabad Mirror)
4. अनियोजित आउटसोर्सिंग और कमीशन संरचना (Opaque Outsourcing & Commission Structures)
- IRDAI ने Policybazaar और तृतीय‑पक्ष एजेंसियों के बीच अनुचित और अस्पष्ट आउटसोर्सिंग समझौतें पाए, जिनमें सेवा स्तर और पारदर्शिता की कमी थी। (Outlook Business, The Tribune)
- कमियों के कारण कंपनी को ₹1 करोड़ का जुर्माना लगाया गया और दिशा‑निर्देश/चेतावनी जारी की गई।
5. Tele‑marketing नीतियों का गलत टैगिंग (Improper Policy Mapping)
- लगभग 97,000 नीतियाँ (Policybazaar के अनुसार) Tele‑marketing के माध्यम से बिकी, लेकिन इन्हें Authorized Verifiers (AVs) से ठीक से टैग नहीं किया गया — नियमों का स्पष्ट उल्लंघन। (Business Today, Business Standard)
- क्लियर रिकॉर्डिंग और प्रमाण देने में भी विफलता पाई गई; IRDAI ने External Audit निर्देशित किया। (The Tribune)
जुर्माने का विभाजन (Penalty Breakdown)
IRDAI ने कुल ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया, जिसे पाँच प्रमुख उल्लंघनों पर ₹1 करोड़‑₹1 करोड़ आधार पर वितरित किया गया:
- Governance/conflict of interest (KMP directorships)
- Misleading product promotions
- Opaque outsourcing/commission structures
- Delayed premium remittance
- Improper policy mapping / call‑record shortcomings
शेष संबंधित उल्लंघन (जैसे excess commissions, AV‑compliance, call recording आदि) पर चेतावनी और निर्देश जारी किए गए। (Business Standard, The Tribune, Outlook Business)
Policybazaar को 45 दिनों में जुर्माना जमा करना है और इसके खिलाफ Securities Appellate Tribunal (SAT) में अपील का अधिकार है। (Business Standard, The Times of India)
उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए प्रभाव
उपभोक्ता दृष्टिकोण से:
- विश्वास में कमी: जब प्रीमियम समय पर ट्रांसफर नहीं होते, तब कवर—अक्सर सक्रिय प्रतीत होते हुए भी—वैध रूप से शुरू नहीं होते, जिससे ग्राहकों पर अप्रत्याशित जोखिम बनता है।
- भ्रांति और सीमित विकल्प: बाज़ार में सभी विकल्प के बजाय केवल ‘Top’ या ‘Best’ दिखाना भ्रामक हो सकता है और उपभोक्ताओं की सचेतनता कम कर सकता है।
उद्योगीय और नियामकीय दृष्टिकोण से:
- यह कार्रवाई अन्य Aggregators और ब्रोकर्स को पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्राहक‑हितों में काम करने की याद दिलाती है।
- IRDAI की यह कार्यवाही यह स्पष्ट संदेश है कि अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियामकीय उल्लंघन पर कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
संक्षेप में, IRDAI की यह कार्रवाई Policybazaar के सामरिक, संचालनात्मक और नैतिक ढांचे में कई कमियों को उजागर करती है। चाहे वह उत्पादों का पक्षपाती प्रदर्शन हो, प्रीमियम का विलंबित ट्रांसफर हो, अस्वीकार्य कॉर्पोरेट शासन हो, या ग्राहकों के पक्ष को नजरअंदाज करना — IRDAI ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं होगा।
इस पूरे मामले से हमे यह सीख मिलती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी पारंपरिक बीमा एजेंटों की तरह ही जवाबदेही, पारदर्शिता और ग्राहक‑केंद्रितता के लिए बाध्य हैं। Policybazaar को न केवल जुर्माने का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें अपने संचालन को सुधारने और नियामक दिशा‑निर्देशों के अनुरूप रखने का निर्देश भी मिला है।