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vIRDAI Fines Policybazaar ₹5 Cr for Rule Violations

Policybazaar

IRDAI ने Policybazaar पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया: एक निष्पक्ष और पारदर्शी ब्लॉग लेख

परिचय

हाल ही में, भारतीय बीमा नियामक संस्था IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने ऑनलाइन इन्शुरेंस प्लेटफ़ॉर्म Policybazaar पर कुल ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह कदम एक बड़े निरीक्षण के बाद उठाया गया, जिसमें Policybazaar द्वारा विभिन्न नियमों का उल्लंघन पाया गया। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि IRDAI ने कौन‑कौन से नियमों का उल्लंघन पाया, Policybazaar पर कौन‑कौन सी धाराएँ लागू की गईं और इस घटना से उपभोक्ताओं और पूरे बीमा क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

कार्रवाई की पृष्ठभूमि (Background of the action)

उल्लंघनों की मुख्य श्रेणियाँ

1. भ्रामक और पक्षपाती उत्पाद प्रदर्शन (Biased/Misleading Product Promotions)

2. प्रिमियम समय से ट्रांसफर न करना (Delay in Premium Remittance)

3. कॉर्पोरेट शासकीय उल्लंघन (Corporate Governance Violations)

4. अनियोजित आउटसोर्सिंग और कमीशन संरचना (Opaque Outsourcing & Commission Structures)

5. Tele‑marketing नीतियों का गलत टैगिंग (Improper Policy Mapping)

जुर्माने का विभाजन (Penalty Breakdown)

IRDAI ने कुल ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया, जिसे पाँच प्रमुख उल्लंघनों पर ₹1 करोड़‑₹1 करोड़ आधार पर वितरित किया गया:

  1. Governance/conflict of interest (KMP directorships)
  2. Misleading product promotions
  3. Opaque outsourcing/commission structures
  4. Delayed premium remittance
  5. Improper policy mapping / call‑record shortcomings

शेष संबंधित उल्लंघन (जैसे excess commissions, AV‑compliance, call recording आदि) पर चेतावनी और निर्देश जारी किए गए। (Business Standard, The Tribune, Outlook Business)

Policybazaar को 45 दिनों में जुर्माना जमा करना है और इसके खिलाफ Securities Appellate Tribunal (SAT) में अपील का अधिकार है। (Business Standard, The Times of India)

उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए प्रभाव

उपभोक्ता दृष्टिकोण से:

उद्योगीय और नियामकीय दृष्टिकोण से:

संक्षेप में, IRDAI की यह कार्रवाई Policybazaar के सामरिक, संचालनात्मक और नैतिक ढांचे में कई कमियों को उजागर करती है। चाहे वह उत्पादों का पक्षपाती प्रदर्शन हो, प्रीमियम का विलंबित ट्रांसफर हो, अस्वीकार्य कॉर्पोरेट शासन हो, या ग्राहकों के पक्ष को नजरअंदाज करना — IRDAI ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं होगा।

इस पूरे मामले से हमे यह सीख मिलती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी पारंपरिक बीमा एजेंटों की तरह ही जवाबदेही, पारदर्शिता और ग्राहक‑केंद्रितता के लिए बाध्य हैं। Policybazaar को न केवल जुर्माने का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें अपने संचालन को सुधारने और नियामक दिशा‑निर्देशों के अनुरूप रखने का निर्देश भी मिला है।

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